बिहार का इतिहास : आधुनिक काल

बिहार का इतिहास : आधुनिक काल


भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध बक्सर की लड़ाई 1764 में लड़ी गयी, बक्सर वर्तमान बिहार में ही पटना से 115 किमी की दूरी पर स्थित है 
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में बिहार का पटना एक प्रमुख व्यापार केंद्र था 
1857  के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बिहार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस संग्राम को यहाँ सिपाही विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है 
 1857  के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में बिहार के बाबु कुंवर सिंह प्रमुख थे उन्होंने  ईस्ट इंडिया कंपनी की कई टुकड़ियो के खिलाफ विद्रोह किया और विजय भी रहे 
बिहार 1912 तक बंगाल प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था 
1912 में बंगाल प्रेसीडेंसी को विभाजित कर बिहार और ओड़िशा नाम के नए प्रांत का निर्माण किया गया और पटना को बिहार की राजधानी बनाया गया 
बिहार में स्वामी सहजानंद सरस्वती ने 1929 में बिहार प्रांतीय किसान सभा का गठन किया इसका उद्देश्य किसानो को एकजुट करना था 
बिहार का पहला मंत्रिमंडल 2 अप्रैल 1946 में गठित किया गया जिसमे एस. श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री व डॉ.  अनुग्रह नारायण सिंह को उप मुख्यमंत्री बनाया गया इस मंत्रिमंडल ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कार्यभार संभाला|
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी बिहार के ही थे