सवाल एक इश्क का था
हमने जवाब में महादेव लिख दिया।
हजारों जताने वालों से
एक निभाने वाला बेहतर है।
खामोशियां जिन्हें अच्छी लग जाए
वह फिर बोला नहीं करते।
इतना सब्र करना सीख लिया है कि
अब कुछ बुरा भी हो तो, बुरा नहीं लगता।
जख्म वही है जो छुपा दिया जाए
जो बता दिया जाए उसे तमाशा कहते हैं।
आसान नहीं है उस शख्स को समझना,
जो जानता सब कुछ है पर बोलता कुछ नहीं।
खिलाफ कितने हैं फर्क नहीं पड़ता,
साथ कुछ दोस्त हैं काफी है!
उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे साहब, जिसे मोहब्बत हो जाए और वह बेरोजगार हो।
जाने वाले कमियां देखते हैं
निभाने वाले काबिलियत।
थक गए थे सब की परवाह करते-करते
बड़ा सुकून सा है जब से लापरवाह हुए हैं।
ढूंढो तो सुकून खुद में है
दूसरों में तो बस उलझन ही मिलेगी।
थोड़ा सुकून ढूंढिए जनाब
यह जरूरत है तो कभी खत्म नहीं होगी।
खूबसूरत होते हैं वह लोग
जो वक्त आने पर साथ देते हैं
चुप रहने से बड़ा कोई जवाब नहीं
और माफ कर देने से बड़ी कोई सजा नहीं।
साथ निभाने वाले
हालात नहीं देखा करते।
थोड़ा जल्दी कामयाब कर दे मालिक
घर के बुरे हालत अब देखे नहीं जाते।
खुद से दोस्ती हुई तो पता चला कि
मुझसे बेहतर मुझे कोई नहीं जानता।
ना होने का एहसास सबको है
मौजूदगी की खबर किसी को नहीं।
दिखते हैं वह लोग अक्सर खामोश,
जमाने में जिनके हुनर शोर मचाते हैं
थोड़ा पागल बन जाना अच्छा है
समझदार खुलकर हंसते कहां है।
मैं पुराने ख्याल का लड़का हूं
उम्र भर के रिश्ते पसंद है मुझे।
घमंडी नहीं हूं साहब बस जहां दिल ना लगे
वहां जबरदस्ती बात करने की आदत नहीं।
अपना अच्छा वक्त उन्हें ही देना,
जो बुरे वक्त में तुम्हारे साथ थे।
याद है वो सवेरा जब हम मुस्कुरा कर उठते थे
आज बिना मुस्कुराये ही शाम बीत जाती है